इमारत के पीछे से उदित होता हैं जहां से कोई किरण, शायद हर दिल की झोंपड़ी तक नहीं पहुंच इमारत के पीछे से उदित होता हैं जहां से कोई किरण, शायद हर दिल की झोंपड़ी तक न...
परेशान हूँ बिगड़ी हुई क़िस्मत से साथ दे कर अपना तक़दीर संवरने दो परेशान हूँ बिगड़ी हुई क़िस्मत से साथ दे कर अपना तक़दीर संवरने दो
तेरे बगैर नींद कभी ना आती जाने कैसे कट रही थी रातें । तेरे बगैर नींद कभी ना आती जाने कैसे कट रही थी रातें ।
सुन रे पिया! तेरे नाम की मेहंदी सजाई मैंने अपने हाथों में। सुन रे पिया! तेरे नाम की मेहंदी सजाई मैंने अपने हाथों में।
दिल को नही मालूम कि वो क्या कर बैठा दिल को नही मालूम कि वो क्या कर बैठा
कोई काम न नाट के चले संसार में हम सब किसी दिल को न ठेस पहुँचे गलती से भी किसी दिल कोई काम न नाट के चले संसार में हम सब किसी दिल को न ठेस पहुँचे गलती से भी ...